Schools do not become smart just by installing a smart school
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Punjab: केवल स्मार्ट स्कूल का फट्टा लगाने से ही स्कूल स्मार्ट नहीं बन जाते: स्कूल शिक्षा मंत्री  

Schools do not become smart just by installing a smart school

Schools do not become smart just by installing a smart school

Schools do not become smart just by installing a smart school-  चंडीगढ़I  पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने आज यहाँ कहा कि केवल स्मार्ट स्कूल का फट्टा लगाने से ही स्कूल स्मार्ट नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि अतीत में रही कांग्रेस पार्टी और अकाली-भाजपा की सरकारों की शिक्षा के प्रति बेपरवाह हाने का सरकारी प्राईमरी स्कूल मसौल सबसे बड़ा गवाह है। स. हरजोत सिंह बैंस द्वारा आज चंडीगढ़ के साथ लगते पंजाब राज्य के गाँव मसौल का दौरा किया गया। इस स्कूल को कांग्रेस सरकार द्वारा स्मार्ट स्कूल का दर्जा दे दिया गया था, परंतु इस स्कूल में न तो क्लासरूम हैं, न पीने वाला पानी, न ही साफ़-सफ़ाई का कोई प्रबंध और न ही स्कूल की चारदीवारी है।  

 स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा पंजाब राज्य में शुरू की गई शिक्षा क्रांति का कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा द्वारा बहुत विरोध किये जाने का कारण आज समझ आया है। उन्होंने कहा कि उक्त पार्टियाँ केवल नाम के स्मार्ट स्कूल बनाकर ही लोगों को मूर्ख बनाने को ही उपलब्धि समझती हैं, जबकि हमारी सरकार लोगों को सचमुच के बेहतरीन स्कूल बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे इन पार्टियों को दिक्कत महसूस होती है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें नैस ( एन.ए.एस.) की रिपोर्ट के आधार पर अपने आप को देश का सर्वोत्तम शिक्षा मॉडल वाला स्कूल बताती थीं। इस रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को भाषाओं का ज्ञान होता है, जबकि सरकारी प्राईमरी स्कूल मसौल के विद्यार्थी पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी पढऩे में बिल्कुल असमर्थ थे।  

 उन्होंने कहा कि 1990 में स्कूल के लिए बनाई गई बिल्डिंग बिना प्रयोग के ही खंडहर बन गई है, जिसके बारे में बीते तीन दशकों में रहे किसी भी शिक्षा मंत्री द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।  

 स. हरजोत सिंह बैंस ने इस स्कूल की सफ़ाई की शुरुआत ख़ुद करते हुए स्कूल में झाड़ू लगाया गया और साथ ही कमरों में लगे मकड़ी के जालों को उतारा गया। इस काम में मनरेगा वर्करों द्वारा भी साथ दिया गया।  

सफ़ाई के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री को दो डब्बाबन्द कंप्यूटर भी मिले, जोकि बीते तीन साल के बिना प्रयोग के ही स्कूल में पड़े हुए थे।  

स्कूल शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर स्कूल के कमरों पर किये गए अवैध कब्ज़े को भी छुड़वाया और एक क्लास के विद्यार्थी को यहाँ बिठाया गया। विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर की जांच करने के लिए जब स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा विद्यार्थियों के साथ बातचीत की गई तो यह बात सामने आई कि चौथी और पाँचवी कक्षा के विद्यार्थी भी पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी पढऩे में बिल्कुल असमर्थ थे। इस पर कार्यवाही करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा स्कूल में लंबे समय से सेवा निभा रहे दोनों अध्यापकों को निलंबित करने और नये अध्यापक तुरंत नियुक्त करने के भी आदेश दिए गए।

मंत्री के दौरे की सूचना मिलने पर गाँव की औरतें एकत्र होकर स्कूल शिक्षा मंत्री को मिलीं और उनका दौरा करने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि वह जब भी टी.वी. पर स्कूल शिक्षा मंत्री के स्कूली दौरों के बारे में खबरें देखती थीं तो वह प्रार्थना करती थीं कि स्कूल शिक्षा मंत्री हमारे गाँव के स्कूल का भी दौरा करें, जोकि आज सुनी गई है।  

 स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा सरकारी प्राईमरी स्कूल मसौल की दशा को सुधारने के लिए 50 लाख रुपए की अनुदान राशि जारी करने के हुक्म दिए हैं। उन्होंने स्कूल के विद्यार्थियों और गाँव-वासियों को भरोसा दिया कि एक महीने में ही इस स्कूल की सूरत बदल दी जायेगी और साथ ही आगे की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी मुहैया करवाई जायेगी।